Tum Yaad Aa Jate Ho Mujhe || तुम याद आ जाते हो मुझे

 


खुद को किसी चीज़ में भी उलझा नहीं पाती 

जब भी तुम याद आ जाते हो मुझे 

हर बात हर जगह तुम्हीं तुम नज़र आते हो  

तुम्हारी यादों से बाहर निकल ही नहीं पाती 

जब भी तुम याद आ जाते हो मुझे 

कोशिश तो बहुत करती हूँ मन भटकाने की 

घर बाहर के किसी कामों में मन लगाने की 

कुछ नहीं हो पाता है कुछ सोच ही नहीं पाती 

जब भी तुम याद आ जाते हो मुझे 

तुम्हारे कहे हर लफ्ज गूंजते हैं मेरे कानों में 

बेचैन हो जाती खुद को संभाल ही नहीं पाती 

जब भी तुम याद आ जाते हो मुझे 

तुम्हारा आना और फिर जिंदगी से चले जाना 

एक साथ नाचते हैं आँखों के आगे सारे मंजर 

जाने क्यों बार बार वही सब सोचती रह जाती  

जब भी तुम याद आ जाते हो मुझे 

ऐसा लगता है, कोई कुछ बोले नहीं छेड़े नहीं 

बस ऐसे ही थोड़ी  देर तक तनहा ही बैठी रहूं 

पता है मुझे तुम अब लौट के नहीं आवोगे कभी 

मगर अपने बेबस मन को समझा ही नहीं पाती 

जब भी तुम याद आ जाते हो मुझे 

धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 




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