Chalna Mat Chodo || चलना मत छोड़ो
फासलों से अक्सर बढ़ जाती हैं दूरियां ,
इसलिए किसी भी हाल में लोगों से मिलना मत छोड़ो।
अगर अकेले सा लगता है,जाओ दुनिया की भीड़ में ,
बस किसी भी हाल में घर से निकलना मत छोड़ो।
कुछ बातें होंगी ,उलाहने होंगी ,लोग रूठेंगे ,मनायेंगे
कभी कोई नजरअंदाज करेगा ,कभी समझायेगा
मिटटी ,आंधी फूल शूल सबसे करो डट के सामना
कुछ जिंदगी में आएंगे ,कुछ हाथ छोड़ के जायेंगे
पर किसी भी हाल में लोगों से बातें करना मत छोड़ो .
थक गए हो तो रुक जाओ ,पर चलना मत छोड़ो। .
धन्यवाद्
सुनीता श्रीवास्तवा
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