Kyon Koste Ho || क्यों कोसते हो



क्यों कोसते हो अपने नसीब को अक्सर 

इससे क्या होगा ,बस वक़्त जाया होगा 

यूँ चिंतन करने से कहाँ कुछ नया होगा 

क्या ही होगा गुजरे हुए पलों में चलने से 

बात बात पर उन्हीं  यादों में जकड़ने से 

अच्छा होगा बीती बातों को पीछे करना 

आज में जीना और ख़ुद में जिन्दा रहना 

माना इतना आसान भी नहीं हो पायेगा 

किन्तु जो बीत गया एक बुरा लम्हा था 

मलाल करना भी तो यूँ सही नहीं रहेगा  

उठो चलो जरा हौसला तो कर के देखो 

जरा सी हिम्मत दिखावो थोड़ा यत्न करो 

यकीं करो एक दिन सबकुछ सही होगा 

बाहर निकलो नया कदम आगे बढ़ावो 

अभी जो सामने है उसे संवारो सम्भालो 

एक बार फिर से स्वयं पर भरोसा करो 

नए जोश के साथ नया दिन शुरू करो 

एक नए पन्ने पर एक नयी कहानी बुनो  

तनिक समय शायद लग जाये भले ही 

अंततः मुट्ठी में तेरी तेरा आसमां होगा 

क्यों कोसते हो अपने नसीब को अक्सर 

इससे क्या होगा ,बस वक़्त जाया होगा 

धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 









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