Jindgi Ki Samsya || जिंदगी की समस्या


माना उलझनें बहुत हैं जिंदगी में ,

उसे सुलझाना बहुत  जरूरी है ,

क्यों दिखाते हो माथे की शिकन किसी को ,

कुछ राज अपने सीने में दबाना जरूरी है ,

हारो या जीतो पर खेलना जरूर ,

मगर इसके लिए मैदान में उतरना जरूरी है ,

कोई पास बैठे या न बैठे तुम्हारे 

तुम मिलते रहो लोगों से  हमेशा ,

जब लड़ना है खुद की लड़ाई खुद ही से  , 

तो मुस्कुराना बहुत जरूरी है। 

धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 


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