Wo Char Log || वो चार लोग


 


किसी ने मुझसे कहा नहीं ऐसा मत करो 

आजु बाजु हित नात भी जरा सोचा करो 

रोज इसी गली से गुजरना होता है हमको 

इसी समाज में उठना बैठना होता हमको 

सोचो जरा ,चार लोग आखिर क्या कहेंगे 

बात फ़ैल गयी अगर तो जीने भी नहीं देंगे 

जुमला कुछ बहुत बड़ा भी नहीं था ,मगर 

कुटुंब में वाद विवाद खड़ा हो ही गया था 

अठारह की हो गयी थी,  शादी करनी थी 

क्योंकि सबकी नजरों में बड़ी हो गयी थी 

यहाँ मुझे मन था आगे लिखने पढ़ने का 

जज्बा ,औरों से और आगे निकलने का 

बातचीत शुरू हुई और वहीँ ठहर  गयी 

लोगों तक बात पहुंची तो हम पर हँसेंगे 

सोचो जरा ,चार लोग आखिर क्या कहेंगे 

मैंने आवाज उठायी आगे पढ़ने दो मुझे 

भीड़ से थोड़ा आगे निकलने दो ना मुझे 

यकीं करो कुछ बड़ा कर के दिखाऊंगी 

मंडली में मैं जगहंसाई नहीं करवाऊँगी 

थोड़ी बगावत हुई कुछ विद्रोह भी हुआ 

मैंने ठान ही लिया था कुछ बड़ा करना है 

चार लोग नहीं सबकी सोच को बदलना है 

जाने कब तक एक ही कथन सुनते रहेंगे 

सोचो जरा ,चार लोग आखिर क्या कहेंगे 

विचार विमर्ष  के बाद हल निकाला गया 

खुद को साबित कर कुछ ऐसा बोला गया 

फिर क्या था मैं पुरे जी जान से जुड़ गयी 

दिन रात एक कर दिया खूब मेहनत की 

कुछ ही सालों में एक अधिकारी बन गयी 

आज  बहुत प्रफुल्लित थी मैं ये सोचकर

जो चार लोग कल कुछ भी बोला करते थे 

आज वो मुझे देखकर सलाम किया करेंगे 

धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 






















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