Aadat Hai Muskurane Ki || आदत है मुस्कुराने की
तुम क्या चले गए मेरी जिंदगी से
बहुत कुछ बदल गया जिंदगी में
चिंता मत करना अब कभी मेरी
आदत डाल ली है मुस्कुराने की
झूठी हंसी में हर दर्द छिपाने की
सोचती हूँ क्यों बताना किसी को
कोई था जो कैसे मजबूर हो गया
साथ रहते रहते क्यों दूर हो गया
मासूम कोमल सा हृदय था मेरा
अभी टूट कर चकनाचूर हो गया
छोड़ो ना जाने दो कोई बात नहीं
समझा लिया खुद ही से खुद को
कोई था जो जितना ही करीब था
उतना ही ज्यादा क्यों दूर हो गया
बस यूँ ही होता दिल को एहसास
अब कोई अपना ही नहीं रह गया
नयनों में बसा करते थे छुपे छुपे
ऐसा कोई अब सपना नहीं रह गया
क्या ही जरूरत है अब किसी को
अंतर्मन की तकलीफ दिखाने की
चिंता मत करना अब कभी मेरी
आदत डाल ली है मुस्कुराने की
धन्यवाद्
सुनीता श्रीवास्तवा
कोई टिप्पणी नहीं
Thanks For Reading This Post