Aaj Jo Main Jara Chamkanae Lagi Hun || आज जो मैं जरा चमकने लगी हूँ
आज जो मैं जरा चमकने लगी हूँ
दिन बदिन थोड़ी निखरने लगी हूँ
जाने लोग परेशान से क्यों हो गए
मेरी तरक्की से हैरान क्यों हो गए
अजीब नजरों से निहारते हैं मुझे
कहते हैं ,अरे उसकी क्या बात है
वो तो उड़ रहा अब हवाओं में है
असमंजस में हूँ उनका रवैया देख
समझ नहीं आता ,वो खुश हो रहे
या मैं उनको अब चुभने लगी हूँ
मैं कल जैसी थी आज भी वैसी हूँ
लोग कहते हैं इसके पर लग गए
धरातल पर तो पग ही नहीं रहते
बहुत ज्यादा ऊँचा उड़ने लगी है
देखना एक दिन धम कर गिरेगी
कितनी अनोखी सी बात है भाई
उनको दिख रही है मेरी ऊंचाई
मेरी सफलता उन्हें रास न आयी
नासमझ ये भी नहीं समझ पाए कि
ऊपर को पहुँचते पहुँचते न जाने
कितनी हीबार गिरी उठी सम्भली
ना जाने कितनी बार ठोकरें खायीं
आज जरा कामयाब क्या हो गयी
उन सब लोगों को खटकने लगी हूँ
आज जो मैं जरा चमकने लगी हूँ ......
धन्यवाद्
सुनीता श्रीवास्तवा
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