Shukriya Amma || शुक्रिया अम्मा

 


शुक्रिया अम्मा ,तेरा बहुत बहुत शुक्रिया

मुझे एक नयी दुनिया में ले आने के लिए 

जीवन तो उसी दिन मिल गया था मुझे 

नौ माह पहले जब तेरे गर्भ में आयी थी 

मगर जिंदगी तुम्ही ने दिया है मुझे अम्मा

शुक्रिया जिंदगी को रास्ता दिखाने के लिए 

मैं खुश थी ,एक छोटा सा घर था मेरा

तुम उस घर से मुझे बाहर ले के आयी अम्मा

मैं थोड़ा रोई ,मगर तुम थी मुस्कुरायी  

ये सोचकर कि ,मैं अच्छे से बाहर आयी 

शुक्रिया एक बड़े घर में ले आने के लिए 

सब कुछ नया था बाहर की दुनिया में 

मैं अनजान हर चेहरे से,जो भी था सामने 

कोई दादी ,कोई मौसी ,कोई चाची होती है 

तुमने ही तो कराई थी पहचान उन सबसे 

शुक्रिया नए नए रिश्ते समझाने  के लिए 

तुम ना होती तो मेरा कोई वजूद ना था 

अनभिज्ञ होती नयी दुनिया की बातों से

कैसे जानती क्या अँधेरा है ,क्या उजाला अम्मा

 शुक्रिया एक नयी रौशनी दिखाने के लिए 

शुक्रिया अम्मा ,तेरा बहुत बहुत शुक्रिया

मुझे एक नयी दुनिया में ले आने के लिए 

धन्यवाद 

सुनीता श्रीवास्तवा 






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