Ab Bachpan Wali Jid Nahin Kerte || अब वो बचपन वाली जिद नहीं करते

उम्र हो चली है, थोड़े थोड़े बदल गए हैं 

अब वो बचपन वाली जिद नहीं करते 

शोर शराबे से अब रहने लगे बहुत दूर 

पहले सी उछल कूद किया नहीं करते 

पतंगे कट के मेरी छत पर आती नहीं 

और गलियों में दौड़ लगाया नहीं करते 

जो मिल जाता है प्यार से खा ही लेते हैं 

पसंद है या नापसंद परवाह नहीं करते 

अब लिबास डालते बस तन ढकने को 

अच्छा दिखे ना दिखे ये चाह नहीं करते 

डाल लीअपनी आदत चुपचाप रहने की 

किसी की बात पर पलट वार नहीं करते 

बस यूँ ही निकल जाते हैं गलियों सड़कों 

कहीं शौक से जाने का सोचा नहीं करते

किसी ने पास बुला लिया तो बैठ जाते हैं 

अपनी कोई महफ़िल सजाया नहीं करते

समझौता करना समझ आ गया है मुझे 

अब कोई तकलीफें मह्सूस नहीं करते 

उम्र हो चली है, थोड़े थोड़े बदल गए हैं 

अब वो बचपन वाली जिद नहीं करते 

धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 


 



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