Khud Per Bharosa Karo II खुद पर भरोसा करो


 

दूसरों पर नहीं खुद पर भरोसा करो 

कठिनाईओं से कभी डरा मत करो 

याद करो अपने बचपन का चलना 

गिर के उठना ,उठ के फिर गिरना 

पकड़ने की कोई कोशिश भी करे 

उसे  धक्का देने की ताकत रखना 

ठोकर भी लगती थी ,चोट भी खाते 

बस उसी तरह हिम्मत किया करो 

क्या हुआ जो फिर से ठोकर लगी 

कोई बात नहीं जो फिर फिसल गए 

मुश्किलें तो आती जाती ही रहेंगी 

छोटे बड़े पत्थर भी टकराते रहेंगे 

कैसी भी राह हो बस चलते जाओ

अड़चनों की परवाह नहीं करना  

कुछ भी हो बस आगे बढ़ते जाओ 

इन हौसलों से रास्ता भी पार होगा 

चलते रहोगे तो मंजिल भी मिलेगी 

तुम कुछ भी कर गुजर सकते हो 

बस अपनी मेहनत करते रहा करो  



धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 



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