Main Parayi Ho Gayi II मैं परायी हो गयी


 

कल तक चहकती ,फुदकती खेलती  कूदती 

आज मेरा ब्याह हो गया ,मेरी  बिदायी हो गयी 

अब से अभी से मेरा घर, मेरा मायका बन गया 

 सब कहते हैं ,अब वही तुम्हारा अपना घर हैं  

नए नए रिश्ते नाते हैं ,अब तो मैं परायी हो गयी 

कल से नया घर , नयी जगह नए लोग मिलेंगे 

नयी रीती नए नियम ,कल नया माहौल होगा  

मेरा उठना चलना बोलना सब बदल जायेगा 

इधर उधर जाना ,वो बचपना सब छूट जायेगा

सुबह उठने का समय ,रात को सोने का समय

खाने पीने,मिलने मिलाने के तरीके बदल जायेंगे 

अपने ही घर आने के लिए औरों से पूछना होगा 

कल से सुबह मेरी माँ का चेहरा नहीं दिखेगा 

कल से मेरी भाई से कोई लड़ाई भी नहीं होगी 

कल से सब कुछ एकदम से बदल जायेगा 

कल की चहकती बेटी,आज बहुरानी हो गयी 

आज मेरा ब्याह हो गया ,मेरी  बिदायी हो गयी 



धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 

 


 





कोई टिप्पणी नहीं

Thanks For Reading This Post