Ahmiyat To Bahut Hai II अहमियत तो बहुत है
अहमियत तो बहुत है तुम्हारी मेरी जिंदगी में ,
ये अलग बात है कि मैंने कभी बताया ही नहीं।
बस यूँ समझ लो कि कभी वो अल्फ़ाज़ नहीं मिले ,
जो बयां कर सके तुमसे मेरे जज्बातों को ,
यूँ ही नहीं झुक जाती हैं नजरें तुम्हे देखते ही ,
कुछ तो है मेरे जहन में भी तुम्हारे लिए एहसास ,
ये अलग बात है कि मैंने कभी जताया ही नहीं।
बस यूँ ही सोच सोच के तुम्हें मुस्कुरा देते हैं ,
दिल में कुछ ख्याल भी आये तो छुपा लेते हैं ,
थोड़े सहम जाते हैं जब तुम सामने आते हो ,
सोचते तो बहुत हैं बोल दें तुमसे मन की बातें ,
ये अलग बात है कि लब्ज़ होठों तक आते ही नहीं।
धन्यवाद्
सुनीता श्रीवास्तवा
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