जिंदगी हमारी II Jindgi Hamari

 

किताबों सी होती है जिंदगी हमारी 

जाने कितने पन्नों में उलझा हुआ है 

पन्ने पलटते हैं ,कहानी  बदलती है 

एक एक पन्ने में जीवन के नए किस्से 

एक इशारे में किसी से दूर हो गए 

कभी किसी से नजदीकियां बढ़ गयी 

कोई सफलता की ऊंचाइयां चढ़ गया 

किसी नेअपने संघर्षों से हार मान लिया 

मगर जीवन ने मौका सबको दिया 

कुछ ने जीवन को कठिन मान लिया 

कोई हंसी ख़ुशी से आगे बढ़ गया 

कोई गिर गया ,कोई गिर के संभल गया 

हर एक पन्ने में एक नयी बात है 

ठीक से पढ़ लिया तो जीत है तुम्हारी 

किताबों सी होती है जिंदगी हमारी 

धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 







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