बड़ी पुरानी है ये बात II Badi Purani Hai Ye Baat
बड़े बूढ़े कह गए हैं ,बड़ी पुरानी है ये बात
क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को अपराध
दया भाव मन में भरा ,मिट जाते गहरे घात
काम क्रोध जब हावी होवे ,गुस्से से बेकाबू होवे
लम्बी लम्बी सांसे ले के काबू करो जज्बात
ये तेरा है ये मेरा है इसमें कुछ भी ना रखा
बैर भाव सब भूल के ,कर लो हंस के बात
थोड़ो बहुत तो चलतो ही रहतो है संसार में
जब तक हमरा तुमरा बना हुआ है साथ
धन दौलत सब यहीं रह जानो है सबके
माटी का मानव ,नश्वर हो जावेगो एक दिन
तभी कहते हैं सबको ,मान लो हमरी बात
धन्यवाद्
सुनीता श्रीवास्तवा
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