Aapki Aalochna || आपकी आलोचना
अगर कोई आपकी आलोचना करे तो सुन लेना ,
ना दुःखी हुआ करो ना ही दिल पे लिया करो।
दुनिया की रीति है मीठे और पके फलों को पत्थर मारना ,
खुद का घर भले टूटा फूटा हो ,कितने भी कलेश हों ,
फिर भी दूसरों में दिल खोल कर बुराइयां निकालना।
अगर दिल पर लिया तो टूट के बिखर जाओगे ,
अगर सुन के अनसुना कर दिया , तो एक दिन संवर जाओगे ,
तो बेहतर है इसे सुन लेना , जो जरूरी बातें हैं उन्हें गुन लेना।
धन्यवाद्
सुनीता श्रीवास्तवा
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