Kovid K Din || कोविड के दिन
आज बरसों बाद सोई मैं माँ के गोद में
रखा सर गोद में ,बड़े सुकून की नींद आयी
मां ने हौले से सहलाया मेरा सर और मुस्कुरायी
वो बोली कोविद है ,सोशल डिस्टैन्सिंग भी है
फिर भी रिश्ते कितने करीब हो गए
हम फिर से देख रहे हैं एक दूजे को
हमारे तो फिर से नसीब खुल गये
क्या कहूं इस कोविद की कहानी
किसी को हंसाया ,किसी को रुलाया
किसी के हम इतने करीब हो गए
धन्यवाद्
सुनीता श्रीवास्तवा
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