Mata-Pita II माता पिता
हर घर में होते है जीते जागते देवता और ईशान।
जिन्हें हम देते हैं अपने माता पिता का नाम ,
जैसे हम हर दिन पूजते हैं, मन्दिर में भगवान ,
वैसे ही सजदा करे अपने माँ पिता का हमेशा
सच्चे मन से करें उनका भी मान सम्मान
माता पिता की सेवा से नसीब होगी जन्नत
पूरी करें उनकी उम्मीदें ,दें उनको एक नयी मुस्कान।
कोशिश हो की दिल न टूटे कभी उनका हमसे ,
क्योकि माता पिता दुखी तो दुखी होते हैं भगवान्।
जब तक है जीवन करें उनका आदर सत्कार ,
वो हमसे कुछ भी नहीं मांगते,बस उनको समझे
खुश रखें उन्हें ,कभी न टूटे उनका स्वाभिमान
अगर उनके छाये में हैं ,तो हम हैं सबसे धनवान
बनें हमेशा उनका गौरव और अभिमान
ताकि व्यर्थ न जाये कभी उनका त्याग और बलिदान।
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धन्यवाद
सुनिता श्रीवास्तवा
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