Bhul Jawoon Tumhen || भूल जावूं तुम्हें

 


मुझमें शक्ति नहीं है कि भूल जावूं तुम्हें

सच बतावूं बहुत तकलीफ भी होती है मुझे 

बेचैनी बहुत होती है ,जब भी तुम्हें सोचती हूँ 

जब भीआँखें खोलीं ,तुम सामने दिख जाते

आँख बंद करते ही ख्वाबों में मुस्कुराते हो 

आखिर चाहते क्या हो तुम बता दो एक बार 

तुम तो चले गए ,एक पल में मेरा हाथ छोड़ 

बड़ी आसानी से किसी और के हो लिए तुम 

मेरे लिए नहीं है आसान तुम्हें भूल भी पाना 

तुम चले गए औरों के,साथ मुझसे मुंह मोड़ 
 
तो बताओ कैसे अपने दिल से निकालूँ तुम्हें

मुझमें शक्ति नहीं है कि भूल जावूं तुम्हें

तुम्हें याद हो ना हो ,मुझे सब याद आता है 

कुछ वादे किये थे ,कुछ कसमें भी खायीं थीं 

मैं साथ हूँ तुम्हारे ,जिंदगी के हर मोड़ पर 

ऐसी झूठी झूठी कहानियां भी सुनायीं थीं 

मैंने भी दिल से तुम्हें अपना मान लिया था 

जब भी सोचती हूँ , आँखें नम हो जाती हैं 

कैसी हूँ किस हाल में हूँ ,क्या बतावूं तुम्हें

मुझमें शक्ति नहीं है कि भूल जावूं तुम्हें



धन्यवाद् 
सुनीता श्रीवास्तवा 




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