Jab Kisi Ka Bharosa Tutta Hai || जब किसी का भरोसा टूटता है

 


पता है ,जब किसी का भरोसा टूटता है 

आवाज नहीं आती ,दर्द बहुत होता है 

किसी का दिल टुकड़े टुकड़े हो जाता 

ऐसा लगता है दुनिया में कुछ भी नहीं 

कोई दिल बहुत मायूस सा हो जाता है 

आँखों में आंसूं और ,तकलीफ होती है 

दुनिया की भीड़ में दिल अकेला होता 

कोई न समझ पाए वो कितना रोता  है 

जीवन कुछ इस कदर बदल जाता  है 

फिर किसी का एतबार नहीं कर पाता 

भरोसा तोड़ने वाला तो बेफिक्र रहता 

उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता  

जिसका मन टूटता है वो चूर हो जाता 

आसान नहीं होता खुद को संभालना 

 फिर उसी माहौल में खुद को ढालना 

बहुत कठिन होता है वो वक्त गुजरना 

सब भूल कर खुद को मजबूत बनाना 

हँसता बोलता आदमी बिखर जाता है 

जिन्दा हो के भी अंदर से मर जाता है 

पता है ,जब किसी का भरोसा टूटता है 

आवाज नहीं आती ,दर्द बहुत होता है 



धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 


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