Kya Hua Jo Main Thodi Sawnli Hun II क्या हुआ जो मैं थोड़ी सांवली हूँ

 


क्या हुआ जो मैं थोड़ी सांवली हूँ 

अपने अम्मा बाबा की दुलारी हूँ 

दादा के दादी के दिल में रहती हूँ 

चाचा चाची की बहुत लाड़ली  हूँ

सोच रखती हूँ मैं आगे बढ़ने की 

हर नयी चीज़ सीखने को तैयार 

ऊँचे ऊँचे सपने देखती रहती हूँ 

आसमान में उड़ने को बावंली हूँ

क्या हुआ जो मैं थोड़ी सांवली हूँ 

 एक दिन काबिल भी बन जावूँगी 

अपनी पहचान खुद ही बनाऊंगी 

अपने आप से बहुत प्यार है मुझे 

दुनिया बदल देने की चाह है मुझे 

इस रंग से कभीकोई शिकवा नहीं 

लोगों की बातों की कोई दवा नहीं

अपने रंग पर मेरा कोई सवाल नहीं

सांवलेपन का भी कोई मलाल नहीं

अपने सपने पुरे कर के दिखा जावूं  

सब लोगों का नाम रौशन कर जावूं 

इस बात के लिए बहुत उतावली हूँ 

क्या हुआ जो मैं थोड़ी सांवली हूँ 



धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 


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