Aur tum sirf tasweer ban jawoge IIऔर तुम सिर्फ तस्वीर बन जाओगे
कभी किसी किताब में रखे जाओगे
कहीं दीवार पर लटका दिए जाओगे
किसी के दिल में ,किसी के आंसूं में
किसी की ख़ुशी, किसी की बातों में
कभी किसी की यादों में ,सपने में
किसी की कहानी में ,कभी वाणी में
कुछ दिन याद जरूर किये जाओगे
फिर लोग खो जायेंगे अपने आप में
और तुम सिर्फ तस्वीर बन जाओगे
तुमने क्या किया था,क्या नहीं किया
इस पर कुछ दिन बातें जरूर होंगी
जीते जी जो अच्छी बात नहीं दिखीं
बस वो ही वो अच्छाई नजर आएगी
फिर वो यादें धुंधली सी होती जाएँगी
तुम एक पुरानी सी बात बन जाओगे
फिर बातचीत भी नहीं होंगी तुम्हारी
बस एक फूलों की सुन्दर माला होगी
और तुम उसके बीच नजर आवोगे
धन्यवाद्
सुनीता श्रीवास्तवा
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