Wakt Badalne Laga Hai || वक़्त बदलने लगा है

 

वक़्त बदलने लगा है ,बदलने लगे हैं लोग ,

पहले एक आदमी दस लोगों के लिए जिया करता था ,

आज अपने अपने लिए जीने लगे हैं लोग। 

 खुद में हंसना ,खुद से ही बातें करना  ,

जाने किस दौर से गुजरने लगे हैं लोग। 

पहले तीस -चालीस लोगों के सामूहिक परिवार थे। 

फिर भी रौनक थी ,खुशियां थीं ,मस्ती थी ,

आज दो से चार में भी बिखरने लगे हैं लोग  . 


धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 


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