Fool || फूल

 


कितने प्यारे प्यारे होते हैं फूल ,

लाल हरे पीले रंग बिरंगे रंगीले। 

कभी ये चढ़ते हैं किसी के मईयत्त पर,

कभी बन जाते प्रभु के चरणों की धूल। 

हरदम हँसते मुस्कुराते बातें करते  रहते हैं,

चाहे शाखें हों उसकी या हो शूल। 

पतझड़ हो या आए बसन्त  ऋतू ,

सारे मौसम हंस के करते हैं कबूल। 

हम भी सीखें हरदम हंसना इनसे ,

छोड़ के सब बातें बेफिजूल 


धन्यवाद् 

सुनीता श्रीवास्तवा 

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